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Post By : Darbaar News
Author : Dharamveer Pandey Views 30
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पहले भोपाल की शान थी यह घड़ी इसके बारे में जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

पहले भोपाल की शान थी यह घड़ी इसके बारे में जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

कभी शहर में इस घड़ी के घंटे और कपड़ा मिल के सायरन से लोगों का टाइम पता चलता था


लम्बे समय से यह घंटी बंद पड़ी है। बताया गया कि कुछ महिने पहले इसे सुधारवाया भी गया था, लेकिन बाद में यह फिर बंद हो गई है। इसी तरह रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म एक की ओर चांदबढ़ में अंग्रेजों के जमाने के कमड़ा मिल का सायरन हर घंटे बजता है, लेकिन आबादी के बढने के साथ ही अब उसकी आवाज सुनाई नहीं देती है। बताया गया कि नबाब सुल्तान जहां बेगम के कार्यकाल में उनके पुत्र नबाब हमीदुल्ला खान के नाम से अस्पताल का नाम रखा गया था। उनके नाम से सुल्तानिया जनाना अस्पताल बनाया गया था।


- स्वास्थ और शिक्षा की क्रांति


बताया गया कि नबाब सुल्तान जहां बेगम ने शहर में स्वास्थ और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरूआत की थी। इसके पहले यूनानी, हकीमी और आयुर्वेदिक उपचार ही शहर में होते थे। इस भवन को शहर में स्वास्थ्य की कांति के रूप में देखा जाता है।


- अब भी सुरक्षित भवन


शासन ने हमीदिया अस्पताल के विस्तार के लिए परिसर के पुराने अधिकांश हिस्से को तोड़ दिया है, लेकिन जिस भवन में यह घड़ी लगी है। उसे शहर की धरोहर मानते हुए सुरक्षित रखा गया है। वैसे तो मोबाइल के दौर में लोग अब हाथों में भी घड़ी कम पहनते हैं, लेकिन प्रबंधन अब भी चाहता है कि यह घड़ी फिर से चालू हो जाएं।


- शहर का पहला अस्पताल


लोगों का कहना है कि हमीदिया अस्पताल की घड़ी पहले पुराने शहर के लोगों को छतों पर से दिखाई देती थी। अब इसके ही दोनों ओर १५ मंजिला अस्पातल के भवन बनने के बाद अब यह दिखाई नहीं देता है। इस भवन का कलर और शैली सेंट्रल लाइब्रेरी भवन की तरह ही लाल कलर में है। इसके स्वरुप को बदला नहीं गया है। लोगों का कहना है कि भोपाल पहले अस्पताल के रूप में लोग इसे आज भी बाहर से इसकी बनावट को देखने के लिए आते हैं। वर्तमान में 
इसमें अस्पातल का ब्लड बैंक चलता है।

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